अब वेक्टर बोर्ड डिजीज से निपटनेगा प्रशासन

अब वेक्टर बोर्ड डिजीज से निपटनेगा प्रशासन

अब वेक्टर बोर्ड डिजीज से निपटनेगा प्रशासन

अब वेक्टर बोर्ड डिजीज से निपटनेगा प्रशासन

डीसी ने अधिकारियों से मीटिंग कर ‌अधिकारियों को दिए आदेश

मोहाली। जिला प्रशासन ने आने वाले समय में वेक्टर बोर्न डिजीज (मच्छर या कीडों के कारण फैलने वाली बीमारियां)
से निपटने के लिए एक रणनीति के तहत काम शुरू किया है। इस दौरान जहां बीमारियों संबंधी संवेदनशील स्थानों की निशानदेही की जाएगी। साथ ही हर पंद्रह दिन के बाद इलाके में सप्लाई होने वाली पानी के सैंपल चैक करवाए जाएंगे। ताकि उक्त बीमारियों से लोगों को मुक्त दिलाई जा सकें।
डीसी ईशा कालिया ने बताया कि मानूसन सीजन शुरू होने से पहले संबंधित सभी विभागों को ऐसे संवेदनशील स्थानों की पड़ताल करनी है, जहां पर हैजा, डायरिया, डेंगू व मलेरिया के केेस बड़े स्तर पर सामने आते हैं। डेराबस्सी, जीरकपुर, गुलाबगढ़, सुखना विहार, बलटाना, पीरमुछल्ला आदि का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इन संवेदनशील स्थानों में पंद्रह दिन के बाद पानी के सैंपल चैक करवाएं जाए। नगर काउंसिलों को भी अपने ट्यूबवेलों के पानी के सैंपल चैक करवाने होंगे। रिहायशी क्षेत्रों में क्लोरीन वाले पानी की सप्लाई की जाए। जहां पर भी पानी की लीकेज की दिक्कत आती है। उन एरिया में नगर काउंसिलों को पहल के आधार पानी की पाइपों को बदलना होगा। ताकि सीवरेज का पानी पीने वाली पानी में मिलने से रुक सकें। इस मौके अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर व हिमांशू अग्रवाल, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर शहरी विकास पूजा स्याल, सिविल सर्जन आदर्श पा कौर, डीडीपीओ बलजिंदर कौर के अलावा काफी समय में लोग हाजिर थे।
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जिन एरिया में फैला था हैजा वहां का होगा दोबारा सर्वे
डीसी ने बीडीपीओ को ग्रामीण व नगर काउंसिल के ईओ को शहरी क्षेत्रों में मानसून से पहले जरूरत मुताबिक हैंडी फॉगिंग मशीनों की खरीद पुख्ता बनाने के आदेश दिए हैं। ताकि रिहायशी एरिया में बाद में दिक्कत न आए। उन्होंने बताया कि गत समय में जीरकपुर में जिन एरिया में हैजा फैला था। उन एरिया में दोबारा सर्वे कर रिपोर्ट पेश की जाए।कहीं किसी कंपनी मालिक की तरफ से गैर कानूनी तरीके से अपनी फैक्टरी या कालोनी में बड़े सतर पर लेबर रखी गई है। ऐसी सूरत में कपनी मालिक को लेबर को साफ सुथरा पीने वाला पानी व टायलेट का प्रबंध करना होग। चूक होने पर इलाके में बीमारी फैलने का खतरा है। ऐसे में बीमारी फैलती है तो कंपनी मालिक पर कार्रवाई होगी।